SECOND
TERMINAL EVALUATION 2016-17
Third Language
Hindi
Std . VIII
Answer key
Prepared by ASOK KUMAR N.A GHSS
,Perumpalam ,Alappuzha(dt)
Mob:
9447378576
Qn. No.
|
Value Point / Indicators
|
Score/
per point
|
Total
Score
|
1 |
गरीबी |
1
|
1
|
2 |
हमें मालूम
है |
1
|
1
|
3 |
टिप्पणी कविता का आशय ,शिल्प,प्रासंगिकता ,अपना दृष्टिकोणआदि पर टिप्पणी लिखी है और उचित शीर्षक दिया है। समग्र रूप से कविता का आशय को लेकर टिप्पणी लिखी है और उचित शीर्षक भी दिया है। कविता के सामान्य आशय को लेकर टिप्पणी लिखी है। कविता पर टिप्पणी लिखने की कोशिश की है। |
1
1
1
1
|
4
|
4 |
मेहनत से
कमाए पैसे का । |
1
|
1
|
5 |
विषय की
प्रस्तुति और विश्लेषण आशय की क्रमबद्धता उचित भाषा का प्रयोग विषय पर अपना दृष्टिकोण शीर्षक |
1
1
1
½
½
|
4
|
6 |
सत्तर |
1
|
1
|
7 |
हम |
1
|
1
|
8 |
बातचित प्रसंग के अनुकूल पात्रोचित बातचित कल्पना के साथ लिखा है। प्रसंग के अनुकूल पात्रोचित बातचित लिखा है। आँशिक रूप से प्रसंग के अनुकूल बातचित लिखा है। लिखने का प्रयास किया है। |
4
3
2
1
|
4
|
9 |
आस्वादन
टिप्पणी भावार्थ व्यक्त करते हुए शीर्षक देकर टिप्पणी लिखा है। पूर्ण रूप से लिखा है। आँशिक रूप से लिखा है। लिखने का प्रयास किया है। |
4
3
2
1
|
4
|
10 |
सही मिलान इन्द्रधनुष -- अपने घर में मुझे रहने दिया । बहूत शुक्रिया । पेड़ -- तुम मेरी टहनियों पर नहीं रह सकते । निर्झर -- किसी झरने के पानी में इंद्रधनुष कैसे रह सकता है ? लड़का -- तुम अपने आकाश से भाग क्यों आए ? |
1
1
1
1
|
4
|
11 |
चरित्रगत
विशेषताएँ उचित शीर्षक डाँ .रमणी के चरित्र पर प्रकाश डालनेवाली घटनाओं का उल्लेख डाँ .रमणी अटकुरी के विशिष्ट मनोभाव की सूचना । समग्र रूप से डाँ .रमणी के चरित्र का चित्रण । |
1
1
1
1
|
4
|
12 |
आशय
लेखन दोहा पढ़कर आशय समझकर अपना विचार व्यक्त करके उत्तर लिखा है। दोहा पढ़कर आशय समझकर उत्तर लिखा है।
दोहा
पढ़कर आँशिक
रूप से उत्तर
लिखा है।
लिखने का
प्रयास किया है। |
1
1
1
1
|
4
|
13 |
आशय
समझकर उचित
शीर्षक लिखा
है। |
1
|
1
|
14 |
तुम्हें
भी परोपकार करना है। ------------
तुम
भी तो कुछ देना सीखो वृक्ष आश्रृय देता है ---------- पेड़ सदा छाया देता सूर्य प्रकाश फैलाता है ----------- सूरज हमें रोशनी देता ज़मीन खाना देती है ----------- धरती माँ अन्न देती है प्रकृति परोपकारी है ------------ प्रकृति हमें देती है सब कुछ |
1
1
1
1
|
4
|
15 |
परोपकार |
1
|
1
|
16 |
ज़मीन छिनने
से किसान की हालत बुरी होती
है ---------- किसान कुछ लोग अपने लिए नहीं दूसरों के लिए जीते हैं ------ बात उस मंगलवार की सफल जीवन की सीख बचपन से देनी है ------ मेरे बच्चे को सिखाएँ |
1
1
1
|
3
|
17 |
अगली फसल
होते ही सब चुकता कर दूँगा अब तो मेरी झूठी ये गुंजारिश भी चली गई |
2
|
2
|
18 |
किसान |
1
|
1
|
അഭിപ്രായങ്ങളൊന്നുമില്ല:
ഒരു അഭിപ്രായം പോസ്റ്റ് ചെയ്യൂ