पुल बनी थी माँ
पत्र
स्थान
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तारीख
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प्रिय
बेटा रमेश,
तुम कैसे हो। ठीक है न? घर में क्या-क्या समाचार हैं? सब कुछ ठीक-ठाक है न ? बच्चों की पढ़ाई कैसे चल रही है? क्या तुम्हें कोई नौकरी मिली? तुम्हारा सिर-दर्द ठीक हो गया? तुम्हारी बीवी कैसी है? तुम्हारे भैया लोग आते हैं क्या? सुरेश की दुकान कैसे चल रही है? गणेश आफीस जाते हैं न?
यहाँ मैं कुशल हूँ। समय पर भोजन,दवा सब कुछ मिलती है। बस तुम लोगों की चिंता है। भगवान से केवल यही प्रार्थना है कि तुम लोग हमेशा सुखी रहे। अगले जन्म में भी तुम्हारा प्यार मिलें। इतना लिखकर समाप्त करती हूँ। जवाब ज़रूर लिखना। प्यार के साथ,
तुम कैसे हो। ठीक है न? घर में क्या-क्या समाचार हैं? सब कुछ ठीक-ठाक है न ? बच्चों की पढ़ाई कैसे चल रही है? क्या तुम्हें कोई नौकरी मिली? तुम्हारा सिर-दर्द ठीक हो गया? तुम्हारी बीवी कैसी है? तुम्हारे भैया लोग आते हैं क्या? सुरेश की दुकान कैसे चल रही है? गणेश आफीस जाते हैं न?
यहाँ मैं कुशल हूँ। समय पर भोजन,दवा सब कुछ मिलती है। बस तुम लोगों की चिंता है। भगवान से केवल यही प्रार्थना है कि तुम लोग हमेशा सुखी रहे। अगले जन्म में भी तुम्हारा प्यार मिलें। इतना लिखकर समाप्त करती हूँ। जवाब ज़रूर लिखना। प्यार के साथ,
तुम्हारी
माँ,
(हस्ताक्षर)
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