दृश्य-1
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पार्श्व
संगीत /
संवाद
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सबेरे 9.00 बजे एक बरसाती दिन। पानी बहने की आवाज़। आकाश काले बादलों से भरा है। पुस्तक की थैली पीठ पर लादे एक लड़का और लड़कीस्कूल की ओर चल रहे हैं। वे स्कूली यूनिफार्म में है। वे खेत की ओर जाते हैं।
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(दोनों स्कूल की ओर चलते हैं।) फुलेरा कस्बे की लगभग सूनी, तंगी गली । घंटियां बजाकर बीच-बीच में चलनेवाले फेरीवाले। छह-सात गद्दों के पीछे चलनेवाले एक अर्ध-नग्न कुम्हार। खामोश खड़े विजली के खंभे। गली से स्कूल की ओर चलनेवाले साहिल और बेला। |
पानी बहने की आवाज़
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साहिल : देखो बेला, यहाँ बीरबहूटियाँ होगी। बेला : ठीक हैं, देखो, ये बीरबहूटियाँ कितना मुलायम है ! साहिल : हाय, इनका रंग तुम्हारा रिब्बन जैसा लाल है। बेला : साहिल, तुमने कुछ सुना है ? साहिल : क्या ? बेला : स्कूल की पहली घंटी बजी है। जल्दी जाना है। साहिल : मुझे कलम में स्याही भरवाना है, आओ।
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2018, ജൂൺ 22, വെള്ളിയാഴ്ച
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