2013, ജൂലൈ 13, ശനിയാഴ്‌ച


वार्तालाप
गौरा की बीमारी के संबन्ध में महादेवी वर्मा और डाक्टर के बीच हुए वार्तालाप अपनी कल्पना के अनुसार लिखिए।
महादेवी - इसको क्या हुआ डाक्टर ?
डाक्टर – देखकर बताऊ । क्या यह दाना चारा लेती है।
महादेवी - कुछ दिनों से यह नाम मात्र भोजन ही खाती है।
डाक्टर – इसका शरीर दुर्बल है।
महादेवी - कारण क्या होगा ?
डाक्टर – एक्सरे से स्पष्ट है कि इसके ह्रदय के अंदर एक सूई चुभी हुई है।
महादेवी - वह कैसे हो सकता है ?
डाक्टर – पता नहीं। दाना-चारा के साथ अंदर चली होगी।
महादेवी - लेकिन दाना-चारा हम ने ही दिया था।
डाक्टर – गुड़ के अंदर सूई रखकर किसी ने दिया होगा।
महादेवी - वह ग्वाला होगा । हम उससे ही दूध खरीदती थी।
डाक्टर – वह कहाँ है ?
महादेवी - उसका पता तक नहीं।
डाक्टर – सूई से इसके मुँह में छेद न हुआ है । वह सीधे अंदर चली गई।इसको सेब का
रस दो ताकिसूई पर काल्शियम जम जाने और उसके न चुभने की संभावना है।
महादेवी - ज़रूर दूँ।
डाक्टर – एक इंजक्शन देता हुँ। दवाएँ भीदेता हुँ।
महादेवी - क्या यह बच जाएगी ?
डाक्टर - हम कोशिश करें और प्रार्थना भी करें।
महादेवी - ठीक है डाक्टर । धन्यवाद ।



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