महादेवी
जी अपनी बहन श्यामा के घर से
एक बछिया लाईं। वह महादेवी
जी के अन्य पशु-पक्षियों
से हिल-मिलकर
रहने लगी। मान लें,
इस
संदर्भ में लेखिका अपनी बहन
श्यामा के नाम एक पत्र लिखना
चाहती हैं। लेखिका का वह संभावित
पत्र तैयार कीजिए।
अपनी
बहन श्यामा के नाम लेखिका
महादेवी जी का पत्र
फरूखाबाद-२,
८८-८८-८८८८.
प्यारी
बहन,
तुम
कैसी हो घर में सब कैसे हैं?
मैं
यहाँ ठीक हूँ।
तुम्हारे
घर से मैं जो बछिया लाई थी,
वह
भी बिलकुल अच्छी है। हमने उसका
नामकरण किया-
गौरांगिनी।
लेकिन हम उसे गौरा पुकारते
हैं। वह आजकल बहुत खुशी के साथ
रहने लगी है। हमारे अन्य
पशु-पक्षियों
के साथ वह हिल-मिलकर
रहने लगी है। हमारे कुत्ते-बिल्लियों
ने उसके पेट के नीचे और पैरों
के बीच में खेलना शुरू किया
है। जब तुमने एक गाय पालने का
उपदेश दिया था तब मैं संदेह
कर रही थी। लेकिन उसे देखते
ही गाय पालने के संबंध में
मेरी दुविधा थी वह निश्चय में
बदल गया था। क्योंकि उसका
पुष्ट सुंदर रूप मुझे बहुत
आकर्षित किया था। यहाँ आकर
वह ज्यादा सुंदर बनी है।
घर
में सबको मेरा हैलो बोलना।
शेष बातें अगले पत्र में।
तुम्हारी
बहन,
महादेवी
सेवा
में
श्यामा
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