चरित्रगत
टिप्पणी
रणविजय
नील
माधव पाँडा की आई.आम.
कलाम
फिल्म के नायक छोटू उर्फ कलाम
के
साथी था रणविजय ।वह ढाणा
के राणा के बेटा था । अमीर होने
का कोई भी
भाव उसमें नहीं था
।परीक्षा का डर से उसको स्कूल
जाना पसंद नहीं था ।
पेड
पर चढना सीखना,और
धुडसवारी सीखने का लेन-देन
को लेकर छोटू के
साथ उनकी दोस्ती
हो जाती है। वह हिंदी में थोडा
पीछे हैॆं ।कलाम की
सहायता
से वह स्कूल के हिंदी भाषण
प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार
का ट्राँफी
जीत
लेता है । कलाम की किताबों को
जला दिया जाने वह उसे अपनी
किताबें
लेता है । वह कलाम को
अंग्रेजी सीखने में मदद भी
कर सकता है ।
इस
प्रकार हम इसमें अच्छी मित्रता
देख पाते है ।
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