मोरपाल की डायरी
तारीख
आज
मेरेलिए एक विशेष दिन था ।
पहली
बार मैंने राजमा खाया ।
कितना
स्वादिष्ट था । मेरे दोस्त
की टिफिन बाँक्स में रखे राजमा
देखते ही
मेरी
बाँछेें खिल गयी थी । उसको
खाने से पहले पहले मैंने राजमा
देखा भी नहीं
था । राजमा जैसी
चीज़ मेरेलिए तो अपूर्व ही
था ,
पर
उसकेलिए वह एक
साधारण चीज़
थी।मैं और मेरे दोस्त के बीच
खेल-घंटी
में खाने की अदला-
बदली
करने का निश्चय किया । उसके
घर से लाया राजमा चावल मैंने
खाया
और
मेरे घर से लाया छाछ -चावल
उसने भी । जैसे मैंने राजमा
खाया वैसे
उसने
छाछ को भी बहूत चाव से खा लिया
। ऎसा लगा कि छाछ उसकी
कमजोरी
है । आज से हर दिन मैं अपने घर
से छाछ लाकर दूँगा ।
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