*
“ पुल
बनी थी माँ “-से
क्या तात्पर्य है ?
नदी
के ऊपर से एक ओर से दूसरी ओर
जानेवाले पुल के समान है माँ
। अपने बच्चों के बीच प्यार
,करूणा
और भाईचारा बढ़ाकर सभी खतरों
से उन्हें बचाकर माँ आगे बढ़ती
है।
*
“ बूढ़ा
रही है माँ “-
इसका
आशय क्या है ?
माँ
अपने बच्चों के बीच पुल थी ।
प्यार और सहानुभूति से भरा
पुल । लेकिन धीरे-धीरे
माँ दुबली बन गई और आवाज़ भी
दुर्बल हो गयी। अब बच्चों को
संभालने की शक्ति उनमें नहीं
है।
*
“ माँ
आखिर माँ ही तो हैं। “-
इससे
आपने क्या समझा ?
माँ
का मन हमेशा अपने बच्चों की
भलाई चाहता है। माँ कभी भी
अपने बच्चों को मुसीबत में
डालना नहीं चाहती । अपने बच्चों
की तकलीफ समझकर उन्हें दूर
करने के बारे में माँ सोझती
है।
2.
हाथों
हाथ रहती माँ
एक
दिन हमारे कंधों में आ गई ।
3.
जब
तक जीवित रही माँ
हम
बदलते रहे अपने कंधे ।
4.
*
भाइयों
के बीच कौन पुल बनी थी ?
माँ
*
माँ
के साथ रहने पर क्या बेरोकटेोक
चलता था ?
बेटों
का जीवन
*”
कंधों
से उतर गई "–
इसका
मतलब क्या है ?
मर
गयी ।
*
"मां
के चले जाने से बेटे बेसहारे
बने"
।
इसका मतलब क्या है?
मां
के संरक्षण में बच्चे खुशी
से पलकर बड़े हो गये थे । फिर
धीरे धीरे मां दुर्बल हो गयी।
अब माँ की देख -भाल
की जिम्मेदारी बेटों पर आ गयी।
कुछ दिनों के बाद माँ मर गयी।
माँ की मृत्यु के बाद
बेटों
को लगा कि वे बेसहारे बने
क्योंकि मां का स्नेह उतना
गहरा था ।
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