2016, ജൂലൈ 15, വെള്ളിയാഴ്‌ച



* “ पुल बनी थी माँ “-से क्या तात्पर्य है ?
नदी के ऊपर से एक ओर से दूसरी ओर जानेवाले पुल के समान है माँ । अपने बच्चों के बीच प्यार ,करूणा और भाईचारा बढ़ाकर सभी खतरों से उन्हें बचाकर माँ आगे बढ़ती है।

* “ बूढ़ा रही है माँ “- इसका आशय क्या है ?
माँ अपने बच्चों के बीच पुल थी । प्यार और सहानुभूति से भरा पुल । लेकिन धीरे-धीरे माँ दुबली बन गई और आवाज़ भी दुर्बल हो गयी। अब बच्चों को संभालने की शक्ति उनमें नहीं है।

* “ माँ आखिर माँ ही तो हैं। “- इससे आपने क्या समझा ?
माँ का मन हमेशा अपने बच्चों की भलाई चाहता है। माँ कभी भी अपने बच्चों को मुसीबत में डालना नहीं चाहती । अपने बच्चों की तकलीफ समझकर उन्हें दूर करने के बारे में माँ सोझती है।



2. हाथों हाथ रहती माँ
एक दिन हमारे कंधों में आ गई ।

3. जब तक जीवित रही माँ
हम बदलते रहे अपने कंधे ।

4.

* भाइयों के बीच कौन पुल बनी थी ?
       माँ

* माँ के साथ रहने पर क्या बेरोकटेोक चलता था ?
      बेटों का जीवन

*” कंधों से उतर गई "– इसका मतलब क्या है ?
     मर गयी ।

* "मां के चले जाने से बेटे बेसहारे बने" । इसका मतलब क्या है?

मां के संरक्षण में बच्चे खुशी से पलकर बड़े हो गये थे । फिर धीरे धीरे मां दुर्बल हो गयी। अब माँ की देख -भाल की जिम्मेदारी बेटों पर आ गयी। कुछ दिनों के बाद माँ मर गयी। माँ की मृत्यु के बाद
बेटों को लगा कि वे बेसहारे बने क्योंकि मां का स्नेह उतना गहरा था ।

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