2012, ഫെബ്രുവരി 13, തിങ്കളാഴ്‌ച

Answers

 संभावित उत्तर


1. बेचारी चिड़िया।
2. मैं कहाँ  नीड़ बनाउँ ?
3.
आस्वादन टिप्पणी   
बेचारी चिड़िया
शहरीकरण की समस्या की ओर हमारे मन को ले जानेवाली एक सुन्दर छोटी समकालीन कविता है- बेचारी चिड़िया।
एक चिड़िया  थी।भोजन की तलाश से वापस आते वक्त उसने
अपना घोसला ढूँढ़ा।पर कहीं न मिला।जामुन के पेड़ में थी उसकी
नीड़।पर अब जामुन का पेड़ भी नहीं है।वह पेड़ काटकर लोगों ने घर बनाये हैं।बड़े शहर की तरह भीड़ थी वहाँ।चिड़िया उड़कर सभी से पूछ रही है कि वह कहाँ घोसला बनाए?
बढ़ती आबादी के कारण सभी जगहों पर मानव ने अपना वासस्थान बनाया है।पेड़ काटकर या परिस्थिति को दूषित करके वे आगे बढ़ते है।फलत: चिड़ियाँ और जानवर बेघर हो जाते है।उन्हें नये बसेरे की तलाश में इधर-उधर फटकना पड़ता है।
मानव की बुरी आदतों का तीखा वर्णन है इसमें।सरल शब्दों में
एक महत्वपूर्ण कार्य बताने में कवि सफल हुआ है।
4
.अनिल हमें शीतलता देता है।
अनल सबका दहन करता है।
5.
मैं आज सबेरे  डाकघर पहूँचा । वहाँ से मुझे एक पंजीकृत पत्र मिला । कार्यालय की दीवार पर लिखा था - धूम्रपान मना है।
6. समाचार
डाक्टर की लापरवाही”
चाँदनगर:  यहाँ के डाँ. लालुराम तेली के अस्पताल में बाबुलाल
तेली नामक एक आदमी अपनी नाक के इलाज के लिए आया।
पहले एक बड़े अस्पताल के इलाज के बाद वह यहाँ आया था।
आते वक्त उसको नाक से ठीक तरह साँस लेना  मुश्किल था।
डाँ.लालुराम ने किसी टेस्ट के बिना झटसे उसका ओपरेशन किया।
तीसरे दिन बाबुलाल की हालत बिगड़ गयी और उसकी सुनने और देखने
की शक्ति गायब हो गयी।
पानी पीना भी मुश्किल होने पर
डाक्टर ने आकर मरीज को बंबई ले जाने को कहा।बाबुलाल
तेली के साथियों ने आरोप लगाया कि ठीक तरह से रोग का
निर्णय न करके पैसे की लालच में डाँक्टर ने ऎसा किया है।
कुछ लोगों ने डाँक्टर के विरुद्ध आवाज़ भी उठाई।
 7.
 वार्तालाप
महादेवी- अरे, तुम यहाँ..
ग्वाला- अब मैं इस शहर में लौट आया हुँ।
महादेवी- तुमने क्यों ऎसा किया ?
ग्वाला - मुझे माफ़ कीजिए।
महादेवी- तुम्हारे मन में उस बेचारे जीव से प्यार नहीं था ?
ग्वाला- तब मैं अंधा था।मैं ने सोचा कि गौरा की मृत्युके बाद
फिर आप मुझसे दूध खरीदेंगी।
महादेवी- तो  तुम ने जान बूझकर ही ऎसी गलती की ?
ग्वाला - लेकिन कुछ दिन बाद मैं अपनी भूल समझ गया।मैं जल्द ही
वहाँ से भागकर यहाँ आया।
महेदेवी- मेरे बारे में तुमने नहीं सोचा ?आज भी मेरे मन में गौरा है।
ग्वाला- मेरे मन में भी।
महादेवी- ये सब छोड़ दो। अब तुम यहाँ  क्या काम  करते हो ?
ग्वाला- मज़दूर हुँ।आज देर हो गयी।मैं चलूँ ?
महादेवी- ठीक है।कभी मेरे घर में आओ।
ग्वाला- ज़रूर जी।
8.
उद् घोषणा
छात्र ध्यान दें..
इस साल की खेल-कूद प्रतियोगिताएँ अक्तूबर 20 और 21 को आयोजित है।प्रतियोगिताओं में भाग लेनेवाले छात्र अपना नाम कल ही स्कूल लीड़र के पास दें।
9. 
आदमी का बच्चा
10.
डौली  मैनेजर साहब के यहाँ रमण  और ज्योति के साथ खेलकर
लौट रही थी।
11.
बंगले  के दरवाज़े पर माली अपने नये बच्चे को कोरे कपड़े में लपेटे
दोनों हाथों पर लिए बाहर जाता दिखाई दिया और उसके पीछे मालिन रोती चली आ रही थी।
12.
अनुवाद

മൂന്നാം ദിവസം സന്ധ്യയ്ക്ക് ഡോളി മാനേജര്‍ സാറിന്റെ വീട്ടില്‍ രമണിന്റേയും ജ്യോതിയുടേയും കൂടെ കളിച്ചിട്ട് തിരിച്ചു വരികയായിരുന്നു.
13.
दोहा
माया मुई न मन मुआ
मरि मरि गया सरीर
आसा तृष्णा न मुई
यौ कहि गया कबीर।
14.
हार

क्रिकेट प्रतियोगिता में श्रीलंका की हार हुई।
विजेता को फूलों का हार पहनाया।
15.
आधुनिक समाज में अमीर लोगों के मन में गरीब लोग बेहुदे हैं।
उनके मत में धन ही सबकुछ है। पर मेरे विचार में सभी लोग
एक समान हैं।धोबी और माली अपने काम करके ही जीते है।
उनके बच्चों के समान खेल कूदकर पलते हैं।पर गरीबी के कारण
उनको जीवन की सुविधाएँ मिलने की संभावना कम है।फिर भी
वे भी इस समाज के बच्चे है,बेहुदे नहीं।
16.
नदी के किनारे पहाड़ को छूति हुई रेलवे लाइन दूर तक जाती है। नदी के ऊपर एक बहूत बड़ा पुल है।
उसपर रेल और मोटर के गुज़रने की व्यवस्था है।
17.
निबंध

अपने घर में ही पराया.
नौकरी करते समय गजाधर बाबु कई रेलवे स्टेशनों में अकेले
रहते थे।तब उनके मन में अवकाश प्राप्ति के बाद परिवार के साथ
जीने का सपना था।
  नौकरी से रिटायर होकर घर आते वक्त उनके मन में बच्चों के साथ खुशी और शाँति से भरा जीवन जीने का सपना था।पर उनकी उपस्थिति में बच्चे चुप रहे।उनका मन पत्नी का प्यार और स्नेहभरी
मुस्कान चाहता था।पर वह सदा रसोई में व्यस्त थी।बच्चों के मनोविनोद में भाग लेने के लिए भी वे चाहते थे।पर बच्चे अपने-अपने कार्यों में लगे रहते थे। बैठक की पतली चारपाई पर लेटते वक्त उनके मन में अस्थायित्व का अनुभव होने लगा।घर की बातों में उनका हस्तक्षेप बच्चों को पसंद नहीं था।
घर में उनका जीवन अशांत और अकेला होने लगा तो उन्होंने फिर अन्य काम करने का निश्चय किया।चीनी मिल में काम के लिए जाते वक्त वे अपनी पत्नी को साथ  लेना चाहते थे।पर पूछने पर उनकी पत्नी ने साफ इनकार किया।पूरी तरह ठगे होकर वे अकेले अपने घर से निकले।

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