आस्वादन
टिप्पणी
वह
तो अच्छा हुआ
(भगवत
रावत)
समकालीन
हिंदी कविता के श्रेष्ठ कवियों
में एक,श्री
भगवत रावत की बहुचर्चित कविता
है-वह
तो अच्छा हुआ।आधुनिक मानव की
निर्ममता,संवेदनहीनता
आदि उनकी कविता का मुख्य विषय
है।उनकी कविता विशेष अर्थ
में सामाजिक ,सांस्कृतिक
विमर्श की कविता है।उन्होंने
इस कविता में अपने समय की
जटिलताओं का चित्रण किया है।
कवि
कहते है -
नगर की संकरी
गंदी गली में पैर फ़िसलकर
गिरा हुआ बच्चा वहाँ पड़ा रो
रहा था। वह गली तो गरीब लोगों
की है,इसलिए
ही उस गंदी गली का नाम नगरपालिका
में नहीं था।वह गली इतनी संकरी
थी कि बच्चे के गिर पड़ने से
लोगों का वहाँ से होकर आना-जाना
मुश्किकल हो गया।यदि कोई
गंदगी में लिपटे बच्चे को गोद
में उठाकर प्यार करे तो
वह
चुप हो जाएगा।लेकिन इसकी
हिम्मत या फुरसत किसी को नहीं
थी।
कवि
यहाँ वर्तमान समाज का वास्तविक
चित्र प्रस्तुत करते है।कोई
किसी को भी सहारा न देकर भीड़
में अकेला हो रहा है।ऊपर से
देखने पर वलगता है कि आधुनिक
समाज में सभी मानव एक साथ मिलकर
रहते हैं ।लेकिन असलियत यह
है कि उनके बीच कोई मानसिक
निकटता नहीं है।सब अपने
स्वार्थमय लक्ष्य की ओर त्वरित
गति से चलने मात्र में उत्सुक
है।
कुछ
लोग दूर से बच्चे को देख रहे
थे। लेकिन उनका विचार यह था
कि उस गरीब बच्चे को गोद में
उठाने पर गंदगी फैलने के अलावा
कोई फायदा नहीं।यहाँ कवि
आधुनिक समाज की संवेदनहीनता
की ओर संकेत करते हैं। सभी
मानव मूल्यों के ऊपर धन को
प्रतिष्ठित कपर दया,सहानुभूति,संवेदनहीनता
सब कुछ विस्मृत हो जाते है।
वर्तमान
परिस्थिति में एक बड़ा उद्योग
बन गये समाचार पत्र और दृश्यमाध्यमों
के सत्यभंग की और भी यहाँ कवि
करारी चोट की है।आज की मीडिया
किसी किसी भी त्रासदी को उत्सव
बनानेवाले है।उन्हें ताजा
समाचार मिलना ही काखी है।संप्रेषित
समाचार की सचाई के बारे में
उन्हें कोई चिंता नहीं।वास्तव
में बच्चा गंदगी में पैर फिसलकर
गिरा है।लेकिन अखबारवालों
में बात इस तरह पहूँची कि किसी
ने नगर की संकरी-गंदी
गली में रोता हुआ बच्चा छोड़
दिया है।चैनलों के प्राचुर्य
के बारे में भी यहाँ कवि संकेत
करते है।
एक
कविता तभी समसामयिक मानी जाती
है जब वह तत्कालीन समस्याओं
का संबोधन करती है।"वह
तो अच्छा हुआ "वर्तमान
समाज की ज्वलंत समस्या पर लिखी
गयी कविता है।
उसकी
अधिकाँश घटनाएँ आज के समाज
में हमारे सम्मुख होनेवाली
है।
जिस
गली में बच्चा गिरकर रो रहा
था उसका नाम अगर नगरपालिका
में उल्लिखित
नही
है तो इसका मतलब है कि वह गली
उपेक्षा,निंदा
औरक तिरस्कार का शिकार हो चुकी
थी।"गली
और संकरी हो जाती है “-
इस प्रयोग
से यह व्यक्त है कि पहले ही
गली संकरी थी।इसका प्रमुख
कारण विकास का अभाव था।"आ
धमकना “-
चैनलवालों
के आने के तरीके को सूचित करता
है।कवि यह संकेत करता है कि
महापौर के शपथ समारोह के आगे
एक गरीब छोकरे के गिर जाने का
कोई मूल्य नहीं।कवि ने सौभाग्य
-शब्द
का प्रयोग भी व्यंग्य रूप से
किया है।
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