2012, ജനുവരി 26, വ്യാഴാഴ്‌ച

GRID


पाठ्यक्रम

इकाई
समस्या क्षेत्र/समस्या
आशय
अध्ययन सामग्री
गद्य
पद्य
अतिरिक्त वाचन


उपज
भाषातत्व
समय




बदलते परिवेश




















*सांस्कृतिक अस्मिता और
उसके विकास की अवधारणा का अभाव ।










*
उपभोक्तावाद मानवीय संबन्धों में दरार डालता है।



*उपभोक्तावाद और
विभिन्न वाणिज्जिक
उतपादों के विज्ञापन समाज में बुरा असर डालते हैं।


*सांस्कृतिक जीवन दर्शन एवं जीवन मूल्यों को बनाए रखना स्वस्थ सामाजिक विकास के लिए आवश्यक है।


* उपभोक्तावाद और
अनुकरण की प्रवृत्ति
से वशीभूत होकर भारतीय समाज अपने चिरंतन परंपरागत मूल्यों को खो बैठा है।


*बदलते जीवन परिवेश में मानवीय
संबन्धों में गिरावट
आ गई है।


*सरल और संक्षिप्त रूप में आशयों को
संप्रेषित करने का सशक्त माध्यम है-
पोस्टर।
*दैनिक जीवन में
कई पारिभाषिक शब्दों का प्रयोग करता है।














आस्वादन टिप्पणी




विज्ञपन


मंचन








वार्तालाप


























पत्र लेखन


कहानी लेखन


पोस्टर








विशेषण












मुहावरेदार प्रयोग






वाच्य














भारतीय संस्कृति में गुरु-शिष्य संबन्ध
(लेख)




































वापसी
(कहानी)








पोस्टर




पारिभाषिक शब्द


मुफ्त में ठगी
















निचोड़




अंधेर नगरी
(प्रहसन)


അഭിപ്രായങ്ങളൊന്നുമില്ല:

ഒരു അഭിപ്രായം പോസ്റ്റ് ചെയ്യൂ