2012, ജനുവരി 24, ചൊവ്വാഴ്ച


हरिशंकर परसाई ने नेहरुजी के नाम पर पत्र लिखा ।वह कैसे होगा
कल्पना करके लिखें।

हौरंगाबाद
14-11-1934
प्यारे चाचाजी,
नमस्कार । आप कैसे है?
मैं एक बात बताने केलिए यह पत्र लिखता हुँ । माँ मुझसे कहती है हमें
स्वतंत्रता मिल गई है। पर मैं अपने भैया के फाउटनपेन लेने से नाराज़
हो गई और कलम छीन ली। रात में जबरदस्ती से दूध पिलाती, मैं सड़क पर खेलने चला तो नौकर से पकड़ माँगवाया और कहा सड़क पर गया तो टाँग तोड़ दूँगी।
सबेरे पेंट न पहनने से जबरदस्ती से मुझे पेंट पहना दिया ।
भैया की तस्वीरोवाली मोटी पुस्तक को मैं ध्यान से देखने लगा,तब माँ पुस्तक
छीन ली और मुझे डाँटा । इस प्रकार हर एक बातो पर माँ मुझे डाँटती
है। ऎसे है स्वतंत्रता ? चाचाजी आप मेरी माँ को पत्र लिखकर मुझे स्वतंत्रता
देने को कहिए। लिखने के विश्वास के साथ ।
हरिशंकर परसाई
( हस्ताक्षर)
सेवा में
जवहरलाल नेहरू
नई दिल्ली

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