2012, ജനുവരി 23, തിങ്കളാഴ്‌ച

प्रहसन


अंधेर नगरी

(भारतेन्दु हरिचन्द्र)

शब्दार्थ :-

महंत = saint

चेला = student

भाजी = vegetable

खाजा = a sweet

फरियाद = petition

बनिया = shopkeeper

भिश्ती = one who bring water

कमज़ोर = weak

मशक = leather bag

बेकसूर = innocent

टका = old coin equal to two paise






पात्र

महंत

नारायणदास

गोवर्धनदास

घासीराम

हलवाई

शिष्य

राजा

फ़रियादी

कल्लु बनिया

कारीगर

चूनेवाला

भिश्ती

कसाई

गड़रिया

कोतवाल

सिपाही







लेखक और पात्र को कहानी से मिलाएँ

कहानी


पात्र

लेखक

अंधेर नगरी



गोवर्धनदास

बूढ़ा किसान

भारतेन्दु हरिचंद्र

मन्नु भंडारी


कहानी

पात्र

लेखक

अंधेर नगरी

गोवर्धनदास

भारतेन्दु हरिचंद्र

कहानी

पात्र

लेखक

वापसी

समा बँध गया

गजाघर बाबु

बोरिस

उष़ा प्रियंवदा

नगेंद्र

कहानी

पात्र

लेखक

वापसी

गजाघर बाबु

उष़ा प्रियंवदा


അഭിപ്രായങ്ങളൊന്നുമില്ല:

ഒരു അഭിപ്രായം പോസ്റ്റ് ചെയ്യൂ