प्रहसन
अंधेर नगरी
(भारतेन्दु हरिचन्द्र)
शब्दार्थ :-
महंत = saint
चेला = student
भाजी = vegetable
खाजा = a sweet
फरियाद = petition
बनिया = shopkeeper
भिश्ती = one who bring water
कमज़ोर = weak
मशक = leather bag
बेकसूर = innocent
टका = old coin equal to two paise
पात्र
महंत
नारायणदास
गोवर्धनदास
घासीराम
हलवाई
शिष्य
राजा
फ़रियादी
कल्लु बनिया
कारीगर
चूनेवाला
भिश्ती
कसाई
गड़रिया
कोतवाल
सिपाही
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कहानी
पात्र
लेखक
अंधेर नगरी
गोवर्धनदास
बूढ़ा किसान
भारतेन्दु हरिचंद्र
मन्नु भंडारी
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कहानी
पात्र
लेखक
अंधेर नगरी
गोवर्धनदास
भारतेन्दु हरिचंद्र
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कहानी
पात्र
लेखक
वापसी
समा बँध गया
गजाघर बाबु
बोरिस
उष़ा प्रियंवदा
नगेंद्र
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कहानी
पात्र
लेखक
वापसी
गजाघर बाबु
उष़ा प्रियंवदा
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